हेलो दोस्तों,
कोरोना के इस संकट काल ने सिर्फ हम आम लोगो की ज़िंदगी को प्रभावित ही नहीं किया बल्कि एक अनिश्चितकालीन आपात की स्थिति लाकर खड़ी कर दी है ।
एक सर्वे के अनुसार हर रोज भारत में सवा लाख लोग अपनी ज़िंदगी की गवा रहे हैं हर रोज 2 लाख बढ़ते केसेस इस स्थिति को और गंभीर बनाते जा रहे हैं । और अगर यही स्थिति रही तो यह कहना गलत नहीं होगा की हम कलयुग के उस दौर में आ जायेंगे जहाँ भूख और गरीबी के चलते इंसान, इंसान का दुश्मन जाएगा।

इंडियन इकॉनमी रिकार्ड्स की माने तो हम 7 महीने में आज से 25 साल पीछे जा चुके हैं जहाँ लोग काम की तलाश में दर बदर भटकने को मजबूर हो गया हैं।
The Hindu में प्रकाशित एक आर्टिकल के अकॉर्डिंग अब तक 12.2 करोड़ लोग अपना नौकरी गवां चुके हैं, वही देखा जाए तो 15 करोड़ से ज्यादा businesses बर्बाद हो चुके हैं ।

भारत की 80% आबादी आज भी गरीबी रेखा के नीचे आती है जो अपना हर दिन भूख मिटाने के लिए खाने हेतु संघर्ष करती है, ऐसे में 5 महीने का कम्पलीट लॉक डाउन का ख्याल किसी का भी दिल दहलाने के लिए पर्याप्त हो सकता है ।

एक में मार्च 2020 की शुरुआत ने ही भारत में अनिश्चितकाल के लिए भारत बंद की सुचना मिलने पर मानो लोगों के बीच एक दर का माहोल व्याप्त हो गया , ऐसे में कोई भी इंसान सड़क पर नहीं दिख सकता था मानो भारत के लोगों को किसी पिजरे में ही रहना हैं, भारत जैसा खुशहाल देश जहाँ हर सड़के कभी सुनसान नहीं होती वहां एक अनिश्चित काल के लिए सन्नाटा पसर गया |

ऐसे में माध्यम वर्ग के लोगों ने अपने घर में रखे सामान से घर चलाया, पर अभी भी एक बड़ा वर्ग सड़क पर रहता था जिनके पास सर छुपाने के लिए छत भी नहीं थी ऐसे में IMRudra की टीम ने अपने आस पास के लोगो और आस पास के गाँवों में खाने की पूर्ति की ज़िम्मेदारी ली और जितने ज्यादा से ज्यादा लोगों तक वो तक वो जुड़ सकते थे उनको जागरूक किया अपने घर के बाहर सुबह और शाम के समय बचा हुआ खाना रख दे, जिससे की सड़क पर घूम रहे भूखे पशु, और हमारे आस पास के गरीब लोग उसे खाकर इस संकट की परिस्थिति से लड़ सकें |


अभी भी हालात सामान्य होते नजर नहीं आ रहे हैं क्यूंकि, इस कोरोना के चलते संकट में आम जन जीवन के अस्त व्यस्त होने के साथ – साथ हमारे आस पास रह रहे उन मासूम जानवरो का जीवन भी खतरे में आ गया है जो हमारे जीवन का एक हिस्सा हैं।
जी हाँ, यहाँ बात की जा रही हैं उस भारत की जिसकी संस्कृति और सभ्यता की बात पुरे विश्व में की जाती हैं। हमारे भारत को आजादी के बाद सवरने में ज्यादा समय नहीं लगा । क्यूंकि जब राष्ट्र एक जुट होता हैं तो वो किसी भी प्रकार के संकट का सामना बड़ी ही सूझ भुझ और समझदारी से करता हैं । आजादी के कुछ वर्षो में ही भारत ने विश्व में अपना पुनः वर्चस्व स्थापित करने में अधिक समय नहीं लगाया ।
आज बस फिर हमे एक जुट होना हैं और इन संकट का सामना फिर राष्ट्र हित को सर्वोपरि रखकर करना हैं । हमने फीड इंडिया, और फीड एनिमल्स की जिम्मेदारी ली हैं और हम चाहते हैं हर रोज हम कम से कम 25 लाख भारतीय लोगों को खाना दे साथ ही हमारे आस पास के एनिमल्स को इस संकट काल में कभी भूखा न रहना पड़े उसके लिए हम दिन और रात काम कर रहे हैं हमारे साथ जुड़कर इस मुहीम का हिस्सा बने । राष्ट्र हित, आप हित ।
आपका छोटा सा सहयोग आज किसी को एक वक़्त खाना दे सकता हैं, हमारे साथ जुड़ने के लिए आज ही अपना कदम बढ़ाये । छोटी से राशि का सहयोग भारत को पुनः खुशहाल बनाने के लिए और एक कदम |
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